Product Description
घर, रिश्ते, ज़िंदगी, लाकडाउन, के किरदार के इर्द गिर्द बुनी हुई यह रचना आपको कुछ खुद का और कुछ किसी अपने का ही अक्स लगेंगी !
हर लेख और कविता मेरे अनुभवों का एक सरल प्रतिबिंब हैं।
चित्र मेरी बेटी की रचनात्मकता हैं।
हर जगह से असंख्य प्रेरणाएँ मिली हैं। तमाम बाधाओं के बावजूद मेरे अंदर जो आत्मविश्वास था, उसने जोश दिया और प्रस्तुत है यह संग्रह।
इलाहबाद की इला- शहर की संस्कृति का असर ही था किताब लिखना हमेशा उसकी बकेट लिस्ट में था, और आखिरकार यह एक वास्तविकता बन गई। हिंदी और अंग्रेज़ी लेखकों की पुस्तकें पढ़ने की रूचि, अलग अलग जगह घूमने का शौक और सबसे कुछ सीखने की इच्छा इला मानती है जीवन की यही असली पाठशाला है।ऑल इंडिया रेडीओ पर फ्रीलांसर रह चुकी इला का पाड्कैस्ट भी है।
इला अपने परिवार के साथ गुड़गांव में रहती है।
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