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मैं जिस मोदी को गI रहा, वो मेरा कोई सगा नही। पर बात जो मुझको भायी है, उसने देश को ठगा नही।।जन-जन का जागरण हुआ, सारा देश ही जाग गया। कुछ लुटखोरो का लेकिन, स्वाभिमान अभी तक जगा नही।।जन मत का अपमान करते, क्या होगा इन सियारों का। हर कदम पर कांटे बिछा रहे, रोकें हैं रास्ता बहा रोका।। वो फिर भी देश को आगे, निरन्तर लेकर जा रहा। बस इसीलिए मैं बारम्बार, मोदी-मोदी गाता हूँ।।मैं पर्व हूँ…. अपने प्रत्येक…. मैं जिस मोदी को गा रहा
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