Product Description
चलो फिर नई उमंग लिए
नए स्वप्न लिए
दिल में तरंग लिए
कुछ बनने की आस
अपने संग लिए
फिर चढ़ते चाॅक पर
फिर नए विश्वास पर
बनने की आस पर।
कवियत्री के बारे में-
हरियाणा के ग्रामीण परिवेश व हरिभरी प्रकृति की गोद में जन्मीं सीमा कटारिया ‘सवि’ को प्रकृति से एक अनोखा रिश्ता मिला है। वह प्रकृति तथा प्रेम को अपनी रूह से महसूस करती हैं। यह पुस्तक उन्होंने प्राकृतिक रूप में उन हमसफ़रों को महसूस कर लिखी है जो सहज रूप से एक-दूसरे से जुड़े हैं। वे वनस्पति, वन्य-प्राणी तथा मनुष्य, सभी में नज़र आती है। बया का घोंसला बुनना, मनुष्य का हमसफ़र चुनना, चकवा-चकवि का यूँ संग-संग चलना अनंत प्रकृति, अनंत स्नेह, अनंत सफ़र, यही हैं जीवन के हमसफ़र। ऐसे अनुभव प्रकृति ने सभी में भरे हैं। उन्ही अनुभवों से कुछ अनुभव मैंने चुने हैं।
सीमा कटारिया ‘सवि’ की प्रकाशित पुस्तकें हैं –
१. अंतर्मन
२. गंगा – एक प्रेम गाथा
३. केदारनाथ – एक नए सफ़र पर
४. अंतर्मन का ऋषिकेश
५. सागर संग दिल की गुफ़्तगू
६. चाय – एक खिलखिलाता शौक़, मुस्कुराता जीवन
७. हमसफ़र
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