‘खज़ाना कहानियों का’ दस वर्षीया अनंतिनी (झुम्पा) मिश्रा जो की अब तरह वर्ष की हैं द्वारा लिखी गयी कहानियों का संग्रह है। डॉ रीता सक्सेना ने इस एन्थोलॉजी की मुल भावना को संजोते हुए इसका हिंदी अनुवाद किया है। इस एन्थोलॉजी में कई कहानियां बदमाशी, अपने और अपने प्रियजनों के लिए खड़े होने, खुद को स्वीकार करने, पहचान के मुद्दों, साहस और मित्रता के महत्वपूर्ण मुद्दों से सम्बंधित है। यह पुस्तक बच्चों और वयस्कों के लिए सामान रूप से पढ़ने योग्य है।
Invincible Publishers